कटनी / राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर जनपद शिक्षा केन्द्र कटनी में गांधी चिंतन हॉल का लोकार्पण महापौर शशांक श्रीवास्तव, विधायक संदीप जायसवाल के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के तैलचित्र पर सूतीमाला से माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्वांजली अर्पित कर की गई। इस अवसर पर अभिषेक ताम्रकार, आशीष कन्देले, मोहन नागवानी, मुकेश साक्या, निर्भय सिंह एवं बीआरसी विवेक दुबे उपस्थित थे।
बीआरसी की पहल पर महात्मा गांधी चिंतन केन्द्र के लोकार्पण अवसर पर महापौर श्री श्रीवास्तव ने शहीदों के स्मरण के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के योगदान को सराहते हुये कहा कि यह देश बापू के सिद्वांतों पर चलकर ही आज विश्व का सिरमौर बना है। लीक से हटकर राष्ट्र सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाले राष्ट्रपिता को समूचे विश्व में सम्मान मिला है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुये आपने सभी का आव्हान करते हुये कहा कि सभी नागरिक, आम जनप्रतिनिधि एवं समाज इससे जुड़ें और देश को आगे बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करें।
क्षेत्रीय विधायक संदीप जायसवाल ने अपने उद्बोधन में अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को आजादी दिलाने के अमर सिपाही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आर्दशों का अनुसरण करने का आव्हान किया। गांधी के चिंतन एवं सिद्वांतों पर चलकर हम विकास की ओर अग्रषित हो रहे हैं। महात्मा गांधी आज प्रासंगिक हैं। गांधी जी की ही स्वच्छता के सिद्वांतों का आज विश्व में अनुसरण हो रहा है। हम सुधरें, युग सुधरेगा। महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने के लिये हम सभी को सुधरने की आवश्यकता है। उनके विचारों का अपने जीवन में अनुसरण कर सकारात्मक बदलाव लाकर हम देश की प्रगति में अपना विशिष्ट योगदान दे सकते हैं।
प्रारंभ में बीआरसी श्री दुबे ने गांधी चिंतन हॉल की आधारशिला रखने संबंधी अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि जिले में गांधी दर्शन एवं गांधी साहित्य संबंधी स्थान उपलब्ध कराने इस चिंतन हॉल की स्थापना की गई है। इसके माध्यम से उनकी स्मृति को अक्षुण्ण बनाये रखा जायेगा। मंचासीन अतिथियों का खादी वस्त्र भेंटकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य मोहन नागवानी एवं आभार प्रदर्शन बीआरसी श्री दुबे द्वारा किया गया। इस अवसर पर कार्यालयीन स्टाफ एवं संचार प्रतिनिधियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
Comments
Post a Comment