ठीक छह साल पहले सिर्फ़ प्रबल सृष्टि ने ही प्रमुखता से बताया था कि कटनी से बांग्लादेश जा रही है नारकोटिक्स दवाईयाँ और सिलसिलेवार रुप से यह भी बताया था कि कौन कौन इसका व्यापार कर रहे है लेकिन ड्रग विभाग की घोर अकर्मण्यता और कुंभकर्णी नींद नही टूटी, टूटती भी कैसे महीना जो बंधा था, यह सिलसिला तो बहुत लंबे समय से जारी है यह तो भला हो पुलिस का जिसने 24-25 अप्रैल को चाका के पास नशे की दवा फेंसिड्रिल कफ सीरप का जखीरा बरामद कर लिया लेकिन यह तो सिर्फ़ ऊँट के मुँह में जीरे जैसा ही है वास्तविकता में बहुत बड़ी तादाद में यह और इस जैसी दूसरी नारकोटिक्स दवाये बांग्लादेश पहुँचाई जा चुकी है, पुलिस इसकी तह तक पहुँच जाए तो यह उसकी बड़ी उपलब्धि कह्लायेगी. कटनी - मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आने वाला ड्रग विभाग नशीली दवायो का कोई हिसाब किताब ही नही रखता जिसका फायदा उठाते हुए कम कीमत की नशीली दवाये बांग्लादेश में बिक रही है जिससे मोटा फायदा कमाया जाता है, जिस समय प्रबल सृष्टि इस गंभीर मामले को उठा रहा था तब 42- 45 रुपये वाली कफ सीरप की एक शीशी वहां 200- 250 रुपये में बिक रही थी, सूत्रों क