कटनी / ग्रीष्म ऋतु में जिले के भू-जलस्तर में लगातार गिरावट होने के कारण मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 संशोधन विधेयक 2002 में दी गई शक्तियों को उपयोग में लाते हुये कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी केवीएस चौधरी ने नवीन नलकूप खनन नदी, नालों, तालाबों अथवा अन्य सार्वजनिक जलाशयों से पानी लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नगर पालिक निगम एवं नगरीय निकाय, इस प्रतिबंध से पूर्णतः मुक्त रहेंगे।
इस अवधि में निजी नलकूप के खनन के लिये संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से पूर्वानुमति लेना अनिवार्य होगा। शासकीय नलकूप से 150 मीटर के दायरे के अंतर्गत निजी नलकूप खनन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। एसडीएम की अनुमति के बाद यदि निजी नलकूप खनन कराया जाता है, उसकी गहराई,खनित नलकूप से कम रहेगी। यदि आवश्यक हुआ, तो खनन किये जा रहे निजी नलकूप से आस-पास के निवासियों को भी पेयजल उपलब्ध कराना होगा.
इस अवधि में निजी नलकूप के खनन के लिये संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से पूर्वानुमति लेना अनिवार्य होगा। शासकीय नलकूप से 150 मीटर के दायरे के अंतर्गत निजी नलकूप खनन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। एसडीएम की अनुमति के बाद यदि निजी नलकूप खनन कराया जाता है, उसकी गहराई,खनित नलकूप से कम रहेगी। यदि आवश्यक हुआ, तो खनन किये जा रहे निजी नलकूप से आस-पास के निवासियों को भी पेयजल उपलब्ध कराना होगा.
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