कटनी / कुपोषण की रोकथाम में मीडिया की सहभागिता विषय पर मीडिया संवाद का आयोजन शहर के एक निजी होटल में गुरुवार को हुआ। जिसमें कलेक्टर केवीएस चौधरी के साथ ही जबलपुर के वरिष्ठ पत्रकार व मध्यप्रदेश हिन्दी एक्सप्रेस जबलपुर के संपादक रविन्द्र बाजपेयी और अग्निबाण जबलपुर के संपादक काशीनाथ शर्मा शामिल हुये।
जिला जनसंपर्क कार्यालय के तत्वाधान में आयोजित मीडिया संवाद में कुपोषण जैसे संवेदनशील विषय पर विस्तार से विमर्श किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग की सहभागिता भी मीडिया संवाद में रही। कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की जानकारी भी जिले के संचार प्रतिनिधियों को विस्तार से दी। कार्यक्रम में जिला प्रशासन के द्वारा नवाचार के रुप में तैयार किये गये सुपोषण कार्ड को भी अतिथियों ने लॉन्च किया। इस दौरान संभागीय जनसंपर्क कार्यालय से सहायक संचालक आनन्द जैन व जिले भर के संचार प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कलेक्टर केवीएस चौधरी ने कहा कि जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए सबका सहयोग जरूरी है। सबके प्रयास से ही जिला कुपोषण मुक्त हो सकता है। इसलिए हम सबको कुपोषण मुक्त जिला बनाने का संकल्प लेना होगा। लोगों में जागरुकता लानी होगी।
वरिष्ठ पत्रकार रविन्द्र बाजपेयी ने कहा कि देश में कुपोषण की समस्या, जीवन पद्दति में आये बदलाव की समस्या है। भारत में उपजी इस समस्या का समधान भारत में ही है। कुपोषण को तकनीकी विषय के रुप में ना लेते हुये दिनचर्या में आहार के विषय के रुप में लें। तो इस दंश को सुगमता से समाप्त किया जा सकता है।
मां के दूध के सेवन से नवजात बच्चों को होने वाले लाभ के विषय में भी अपनी बात कही। उन्होने कहा कि आधुनिकता की चकाचौंध और सुविधा के मद्धेनजर हमने जीवनशैली से समझौते किये हैं। जिसके परिणाम के रुप में यह कुपोषण जैसी गंभीर समस्या सामने आई है। पहले दूध की बॉटल हिन्दुस्तान नहीं हुआ करती थी, ना इसका आविष्कार यहां हुआ। लेकिन स्वयं की सुविधा को देखते हुये इसका उपयोग वर्तमान में हमारे समाज में किया जा रहा है। असंतुलित आहार की स्थिति में ही कुपोषण जन्म लेता है। हमारे भोजन आहार में संतुलन होना चाहिये।
कुपोषण जैसे संवेदनशील विषय पर मीडिया संवाद का आयोजन करने पर जिला जनसंपर्क कार्यालय को भी वरष्ठि पत्रकार रविन्द्र वाजपेयी ने सराहा। उन्होने संयुक्त परिवार में रहते हुये गर्भधात्री माता को मिलने वाली काउंसलिंग को भी उदाहरण स्वरुप सामने रखा।
मीडिया संवाद में वरिष्ठ पत्रकार व अग्निबाण जबलपुर के संपादक काशीनाथ शर्मा ने भी कुपोषण की रोकथाम के लिये मीडिया की सहभागिता पर अपनी बात कही। उन्होने कहा कि सामाजिक सरोकार के क्षेत्र में मीडिया के साथ ही कुपोषण के दंश के प्रति जागरुकता लाने में अपनी सक्रिय सहभागिता निभा सकते हैं। महज आलोचना करना ही हमारा कार्य नहीं है, सामाजिक जिम्मेदारी हमारा दायित्व है। कुपोषण से मुक्ति के इस प्रयास में अपनी सहभागिता कर हम स्वस्थ्य राष्ट्र के निर्माण में सहयोगी बन सकते हैं।
मीडिया संवाद में यूनीसेफ के संभागीय पोषण समन्वयक तारकेश्वर मिश्रा ने कुपोषण के विषय में विस्तार से बताया। उन्होने न्यूट्रीशियन लिट्रेसी पर भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कुपोषण के प्रकार, कुपोषण के कारण, कुपोषण के रोकथाम के लिये कारगार प्रयास, बालकों के लिये, बालिकाओं के लिये, किशोरी बालिकाओं के लिये पूरक व पोषण आहार, टीकाकरण व विटामिन्स की जानकारी, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं में पर्याप्त पोषण व स्तनपान को प्रोत्साहन देना, राष्ट्रीय पोषण मिशन के घटकों की जानकारी बिन्दुवार दी।
संवाद में मौजूद एकीकृत महिला एवं बाल विकास अधिकारी प्रतिभा पांडे ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजनांतर्गत गर्भवती व धात्री माताओं के स्वास्थ्य पोषण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गभर्वती व धात्री माताओं की देखभाल के लिए सरकार द्वारा 5 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है, जोकि तीन किश्तों में मिलेगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यालयों में पंजीयन कराना होगा।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मीडिया संवाद की रुपरेखा की विस्तार से जानकारी जिला जनसंपर्क अधिकारी सुनील वर्मा ने दी। आभार प्रदर्शन जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी वनश्री कुर्वेती ने किया। कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र असाटी द्वारा किया गया। इस दौरान जनसंपर्क कर्मी शिवकुमार दुबे, लालजी शर्मा, विजय सूर्यवंशी, अभिषेक मिश्रा, रामदास झारिया, कमल बहादुर थापा, दिनेश सिंह तोमर, मुकेश बर्मन सहित अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी, कर्मचारी व जिले के संचार प्रतिनिधि मौजूद रहे।
जिला जनसंपर्क कार्यालय के तत्वाधान में आयोजित मीडिया संवाद में कुपोषण जैसे संवेदनशील विषय पर विस्तार से विमर्श किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग की सहभागिता भी मीडिया संवाद में रही। कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की जानकारी भी जिले के संचार प्रतिनिधियों को विस्तार से दी। कार्यक्रम में जिला प्रशासन के द्वारा नवाचार के रुप में तैयार किये गये सुपोषण कार्ड को भी अतिथियों ने लॉन्च किया। इस दौरान संभागीय जनसंपर्क कार्यालय से सहायक संचालक आनन्द जैन व जिले भर के संचार प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कलेक्टर केवीएस चौधरी ने कहा कि जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए सबका सहयोग जरूरी है। सबके प्रयास से ही जिला कुपोषण मुक्त हो सकता है। इसलिए हम सबको कुपोषण मुक्त जिला बनाने का संकल्प लेना होगा। लोगों में जागरुकता लानी होगी।
वरिष्ठ पत्रकार रविन्द्र बाजपेयी ने कहा कि देश में कुपोषण की समस्या, जीवन पद्दति में आये बदलाव की समस्या है। भारत में उपजी इस समस्या का समधान भारत में ही है। कुपोषण को तकनीकी विषय के रुप में ना लेते हुये दिनचर्या में आहार के विषय के रुप में लें। तो इस दंश को सुगमता से समाप्त किया जा सकता है।
मां के दूध के सेवन से नवजात बच्चों को होने वाले लाभ के विषय में भी अपनी बात कही। उन्होने कहा कि आधुनिकता की चकाचौंध और सुविधा के मद्धेनजर हमने जीवनशैली से समझौते किये हैं। जिसके परिणाम के रुप में यह कुपोषण जैसी गंभीर समस्या सामने आई है। पहले दूध की बॉटल हिन्दुस्तान नहीं हुआ करती थी, ना इसका आविष्कार यहां हुआ। लेकिन स्वयं की सुविधा को देखते हुये इसका उपयोग वर्तमान में हमारे समाज में किया जा रहा है। असंतुलित आहार की स्थिति में ही कुपोषण जन्म लेता है। हमारे भोजन आहार में संतुलन होना चाहिये।
कुपोषण जैसे संवेदनशील विषय पर मीडिया संवाद का आयोजन करने पर जिला जनसंपर्क कार्यालय को भी वरष्ठि पत्रकार रविन्द्र वाजपेयी ने सराहा। उन्होने संयुक्त परिवार में रहते हुये गर्भधात्री माता को मिलने वाली काउंसलिंग को भी उदाहरण स्वरुप सामने रखा।
मीडिया संवाद में वरिष्ठ पत्रकार व अग्निबाण जबलपुर के संपादक काशीनाथ शर्मा ने भी कुपोषण की रोकथाम के लिये मीडिया की सहभागिता पर अपनी बात कही। उन्होने कहा कि सामाजिक सरोकार के क्षेत्र में मीडिया के साथ ही कुपोषण के दंश के प्रति जागरुकता लाने में अपनी सक्रिय सहभागिता निभा सकते हैं। महज आलोचना करना ही हमारा कार्य नहीं है, सामाजिक जिम्मेदारी हमारा दायित्व है। कुपोषण से मुक्ति के इस प्रयास में अपनी सहभागिता कर हम स्वस्थ्य राष्ट्र के निर्माण में सहयोगी बन सकते हैं।
मीडिया संवाद में यूनीसेफ के संभागीय पोषण समन्वयक तारकेश्वर मिश्रा ने कुपोषण के विषय में विस्तार से बताया। उन्होने न्यूट्रीशियन लिट्रेसी पर भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कुपोषण के प्रकार, कुपोषण के कारण, कुपोषण के रोकथाम के लिये कारगार प्रयास, बालकों के लिये, बालिकाओं के लिये, किशोरी बालिकाओं के लिये पूरक व पोषण आहार, टीकाकरण व विटामिन्स की जानकारी, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं में पर्याप्त पोषण व स्तनपान को प्रोत्साहन देना, राष्ट्रीय पोषण मिशन के घटकों की जानकारी बिन्दुवार दी।
संवाद में मौजूद एकीकृत महिला एवं बाल विकास अधिकारी प्रतिभा पांडे ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजनांतर्गत गर्भवती व धात्री माताओं के स्वास्थ्य पोषण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गभर्वती व धात्री माताओं की देखभाल के लिए सरकार द्वारा 5 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है, जोकि तीन किश्तों में मिलेगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यालयों में पंजीयन कराना होगा।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मीडिया संवाद की रुपरेखा की विस्तार से जानकारी जिला जनसंपर्क अधिकारी सुनील वर्मा ने दी। आभार प्रदर्शन जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी वनश्री कुर्वेती ने किया। कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र असाटी द्वारा किया गया। इस दौरान जनसंपर्क कर्मी शिवकुमार दुबे, लालजी शर्मा, विजय सूर्यवंशी, अभिषेक मिश्रा, रामदास झारिया, कमल बहादुर थापा, दिनेश सिंह तोमर, मुकेश बर्मन सहित अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी, कर्मचारी व जिले के संचार प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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