कटनी / विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिये जिला चिकित्सालय पहुंचने वाले दिव्यांगों को समस्या ना हो, इसके लिये एक बड़ा निर्णय कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने लिया है। कलेक्टर के संज्ञान में यह बात लाई गई कि विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने मंगलवार को जिला चिकित्सालय पहुंचने वाले दिव्यांगों को पहले लोकसेवा केन्द्र पहुंचकर आवेदन करना होता है, फिर आगे की कार्यवाही होती है। इस पर तुरन्त निर्णय लेते हुये कलेक्टर ने प्रत्येक मंगलवार को लोकसेवा केन्द्र शहरी की एक टीम को विकलांग बोर्ड के साथ ही बैठाने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि लोकसेवा केन्द्र का एक फ्लैक्स भी वहां लगवायें। जिसमें यह स्पष्ट हो कि विकलांग प्रमाण पत्र के लिये यहां आवेदन करें। यह व्यवस्था सुनिश्चित करें। ताकि दिव्यांगों को तकलीफ ना हो।
रिव्यू के दौरान राजस्व अधिकारियों का फीडबैक भी कलेक्टर ने लिया। उन्होने कहा कि आईपीडी की व्यवस्थायें दुरुस्त रहें। इसलिये पेशेन्ट के साथ महज दो परिजनों को ही एलाऊ करें। इतना ही नहीं उन्हें दो टोकन भी दिये जायें। ताकि उनकी पहचान सुनिश्चित हो। सुरक्षाकर्मी प्रत्येक घंटे में सभी जगह जाकर बिना टोकन वालों को बाहर भी करें। ताकि अव्यवस्था का आलम ना बने।
प्रत्येक टॉयलेट की सफाई के लिये एक-एक स्वीपर को सतत् रुप से टॉयलेट आवंटित कर दिये जायें। साफ-सफाई हो रही है या नहीं, इसकी मॉनीटरिंग चिकित्सालय का अमला भी करे। सुपरविजन की व्यवस्था को दुरुस्त करें। सुपरवाईजर अपनी जिम्मेदारियों को समझें और सतत् मॉनीटरिंग करें। बैठक में एसडीएम राजेन्द्र पटेल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अशोक अवधिया, सिविल सर्जन डॉ एसके शर्मा, डॉ केपी श्रीवास्तव और डॉ यशवंत वर्मा, तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव सहित चिकित्सा विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
रिव्यू के दौरान राजस्व अधिकारियों का फीडबैक भी कलेक्टर ने लिया। उन्होने कहा कि आईपीडी की व्यवस्थायें दुरुस्त रहें। इसलिये पेशेन्ट के साथ महज दो परिजनों को ही एलाऊ करें। इतना ही नहीं उन्हें दो टोकन भी दिये जायें। ताकि उनकी पहचान सुनिश्चित हो। सुरक्षाकर्मी प्रत्येक घंटे में सभी जगह जाकर बिना टोकन वालों को बाहर भी करें। ताकि अव्यवस्था का आलम ना बने।
प्रत्येक टॉयलेट की सफाई के लिये एक-एक स्वीपर को सतत् रुप से टॉयलेट आवंटित कर दिये जायें। साफ-सफाई हो रही है या नहीं, इसकी मॉनीटरिंग चिकित्सालय का अमला भी करे। सुपरविजन की व्यवस्था को दुरुस्त करें। सुपरवाईजर अपनी जिम्मेदारियों को समझें और सतत् मॉनीटरिंग करें। बैठक में एसडीएम राजेन्द्र पटेल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अशोक अवधिया, सिविल सर्जन डॉ एसके शर्मा, डॉ केपी श्रीवास्तव और डॉ यशवंत वर्मा, तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव सहित चिकित्सा विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
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