कटनी / छोटी-छोटी बातें हमारे जीवन में एक बड़े बदलाव का कारण होती हैं। जरुरत है आवश्यकता अनुसार उन्हें सोचने, समझने और अमल में लाने की। इससे आप स्वयं ही नहीं बल्कि आपसे जुड़े अन्य लोगों में भी एक बड़ा और सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। जो आपके लिये गौरव के क्षण भी लेकर आता है। एैसा ही क्षण जिले के ढीमरखेड़ा विकासखण्ड में झिन्ना पिपरिया संकुल केन्द्र के अंतर्गत आने वाली माध्यमिक शाला तिलमन के अध्यापक मंगलदीन पटेल के जीवन में आया। जब उन्होने सोमवार को अपने विद्यार्थियों की सफलता की कार्ययोजना जिले के सभी आला अधिकारियों के साथ कलेक्टर विशेष गढ़पाले के बाजू में बैठकर साझा की। इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में अपने विद्यार्थियों के स्वर्णिम भविष्य के लिये बेहतर कार्य करने पर कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने प्रमाण पत्र देकर भी अध्यापक श्री पटेल को सम्मानित किया। उन्होने कहा कि आप जैसे शिक्षक ही असल मायने में हमारे और हमारे देश के नायक हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017-18 के जूनियर गणित ओलंपियाड परीक्षा में माध्यमिक शाला तिलमन के 11 छात्रों का चयन हुआ है। ये विद्यार्थी आगामी चरण में राष्ट्रस्तरीय गणित ओलंपियाड परीक्षा में भी शामिल होने जा रहे हैं। अध्यापक मंगलदीन पटेल को अपने विद्यार्थियों पर फक्र है। सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला अधिकारियों से संवाद करते हुये उन्होने अपने गौरव का हकदार अपने विद्यार्थियों को बताया। श्री पटेल ने कहा कि बात कोई बड़ी नहीं है। हमारे जिले के शिक्षक बंधु यदि थोड़ा सा प्रयास करें, तो उनके विद्यार्थी, उनके लिये गौरव का कारण बन सकते हैं।
श्री पटेल ने बताया कि पिछले वर्ष हमने प्रयास किया था। लेकिन हमारे विद्यार्थी गणित ओलंपियाड में चयनित नहीं हुये। मैने और मेरे विद्यार्थियों ने हिम्ममत नहीं हारी। इस बार फिर हमने अपने विद्यार्थियों को तैयारी कराई। जिसमें से 11 बच्चों का चयन हुआ है। काम कुछ कठिन नहीं है। जरुरी है कि रुचि लेकर विद्यार्थियों को पढ़ाया जाये। अपनी कठिनाई भी श्री पटेल ने बताई। उन्होने कहा कि माध्यमिक शाला तिलमन में मैं अकेला शिक्षक हूँ। एक अतिथि शिक्षक हमने और रखा हुआ है।
गणित ओलंपियाड की तैयारी के लिये विद्यार्थियों को अलग से क्लासेस की जरुरत थी। अन्य विद्यार्थियों का नुकसान ना हो और इन बच्चों की तैयारी हो सके, इसके लिये अपने ऑफिस में भी बच्चों को मैथ ओलंपियाड की तैयारी मैने कराई। अपनी एक और सफलता की कहानी भी श्री पटेल ने सुनाई। उन्होने कहा कि हमारे विद्यालय के विद्यार्थी राष्ट्रीय मीन्स कम मेरिट परीक्षा में भी चयनित होते रहे हैं।
विद्यार्थियों में किस तरह विषयों को रोचक बनाया जाये। इसके लिये भी मैने कभी भी रेखा गणित स्कूल के अंदर नहीं पढ़ाई। स्कूल के बाहर ग्राउंड में धागा, रस्सी, खील लेकर कोंण, आयत, वर्ग, चर्तुभुज, घन सहित सम्पूर्ण रेखा गणित का प्रायोगिक अध्ययन विद्यार्थियों को कराया। जो भी उनकी सफलता का कारण बना। श्री पटेल ने एक और संदेश शिक्षक बंधुओं को दिया। उन्होने कहा कि हमारे जिले के शिक्षक बंधु गणित जैसे विषय का सम्पूर्ण अध्ययन कक्षाओं में करायें। क्योंकि जिले के दूर-दराज के क्षेत्रों में शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले कई विद्यार्थी इतने आर्थिक सक्षम नहीं होते कि वे ट्यूशन ले पायें। या अधिकांश जगह तो उनके अभिभावक भी उन्हें पढ़ाने में अक्षम होते हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017-18 के जूनियर गणित ओलंपियाड परीक्षा में माध्यमिक शाला तिलमन के 11 छात्रों का चयन हुआ है। ये विद्यार्थी आगामी चरण में राष्ट्रस्तरीय गणित ओलंपियाड परीक्षा में भी शामिल होने जा रहे हैं। अध्यापक मंगलदीन पटेल को अपने विद्यार्थियों पर फक्र है। सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला अधिकारियों से संवाद करते हुये उन्होने अपने गौरव का हकदार अपने विद्यार्थियों को बताया। श्री पटेल ने कहा कि बात कोई बड़ी नहीं है। हमारे जिले के शिक्षक बंधु यदि थोड़ा सा प्रयास करें, तो उनके विद्यार्थी, उनके लिये गौरव का कारण बन सकते हैं।
श्री पटेल ने बताया कि पिछले वर्ष हमने प्रयास किया था। लेकिन हमारे विद्यार्थी गणित ओलंपियाड में चयनित नहीं हुये। मैने और मेरे विद्यार्थियों ने हिम्ममत नहीं हारी। इस बार फिर हमने अपने विद्यार्थियों को तैयारी कराई। जिसमें से 11 बच्चों का चयन हुआ है। काम कुछ कठिन नहीं है। जरुरी है कि रुचि लेकर विद्यार्थियों को पढ़ाया जाये। अपनी कठिनाई भी श्री पटेल ने बताई। उन्होने कहा कि माध्यमिक शाला तिलमन में मैं अकेला शिक्षक हूँ। एक अतिथि शिक्षक हमने और रखा हुआ है।
गणित ओलंपियाड की तैयारी के लिये विद्यार्थियों को अलग से क्लासेस की जरुरत थी। अन्य विद्यार्थियों का नुकसान ना हो और इन बच्चों की तैयारी हो सके, इसके लिये अपने ऑफिस में भी बच्चों को मैथ ओलंपियाड की तैयारी मैने कराई। अपनी एक और सफलता की कहानी भी श्री पटेल ने सुनाई। उन्होने कहा कि हमारे विद्यालय के विद्यार्थी राष्ट्रीय मीन्स कम मेरिट परीक्षा में भी चयनित होते रहे हैं।
विद्यार्थियों में किस तरह विषयों को रोचक बनाया जाये। इसके लिये भी मैने कभी भी रेखा गणित स्कूल के अंदर नहीं पढ़ाई। स्कूल के बाहर ग्राउंड में धागा, रस्सी, खील लेकर कोंण, आयत, वर्ग, चर्तुभुज, घन सहित सम्पूर्ण रेखा गणित का प्रायोगिक अध्ययन विद्यार्थियों को कराया। जो भी उनकी सफलता का कारण बना। श्री पटेल ने एक और संदेश शिक्षक बंधुओं को दिया। उन्होने कहा कि हमारे जिले के शिक्षक बंधु गणित जैसे विषय का सम्पूर्ण अध्ययन कक्षाओं में करायें। क्योंकि जिले के दूर-दराज के क्षेत्रों में शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले कई विद्यार्थी इतने आर्थिक सक्षम नहीं होते कि वे ट्यूशन ले पायें। या अधिकांश जगह तो उनके अभिभावक भी उन्हें पढ़ाने में अक्षम होते हैं।
Comments
Post a Comment