कटनी / लोकसेवक एप कामचोरी करने वालों के लिये खासा मुसीबत का सबब बना हुआ है। जहां निष्ठा और ईमानदारी से अच्छा काम करने वाले शासकीय सेवक मॉनीटरिंग की इस ई-तकनीक से खुश हैं, वहीं फर्जीवाड़ा करने वाले दुखी। इसका उदाहरण सोमवार को भी देखने को मिला, जब कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने फर्जी अटेन्डेन्स लगाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे आत्मा और माईनिंग विभाग के शासकीय सेवकों को पकड़ा। इस पर सभी संबंधित शासकीय सेवकों को बुलाकर बैठक में कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने जमकर क्लास ली। उन्होने कहा कि काम करने में आपको फक्र महसूस होना चाहिये, नाकि समस्या होनी चाहिये। शासकीय सिस्टम में आप जैसे लोग बोझ बने हुये हैं। जिन्हें आठ घंटे की नौकरी करने में भी तकलीफ होती है।
आत्मा प्रोजेक्ट और माईनिंग विभाग के जिला अधिकारियों को सख्त मॉनीटरिंग के निर्देश भी कलेक्टर ने दिये। उन्होने कहा कि यदि आप लोग लोकसवेक एप और लोकसेवक पोर्टल जैसा बेहतर टूल होने के बाद भी फर्जियों को नहीं पकड़ेंगे, तो किस तरीके से आप मॉनीटरिंग कर पायेंगे। उप संचालक कृषि को आत्मा के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को और जिला खनिज अधिकारी को माईनिंग विभाग के संबंधित कर्मचारियों को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। साथ ही लोकसेवक पोर्टल से इनका पूरा रिकॉर्ड खंगालकर इनके द्वारा जितने दिनों तक फ्रॉड अटेन्डेन्स लगाई गई हो, उतने दिन अवैतनिक करने के स्पष्ट आदेश दिये। कलेक्टर ने कहा कि जो भी अधिकारी और कर्मचारी इस कोताही में संलिप्त हैं और संविदा पर हैं, उनकी संविदा रिनीवल ना की जाये, एचओडी इसका भी ध्यान रखें।
पूरे मामले के अनुसार आत्मा परियोजना और माईनिंग विभाग के कुछ लोकसेवकों द्वारा लोकसेवक एप में अटेन्डेन्स लगाने में फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। एक ही कर्मचारी अपने अन्य सहकर्मियों की अपने ही मोबाईल से अटेन्डेन्स लगा रहा था। जिसके लिये वो कभी आसमान तो कभी धरती या कभी दीवार की फोटो खींचकर अटेन्डेन्स लगाता था। जब कलेक्टर रेन्डमली रुप से अपने पोर्टल में विभिन्न विभागों की मॉनीटरिंग कर रहे थे, तब उन्हें आत्मा परियोजना और खनिज विभाग में इस तरह की अटेन्डेन्स लगाने का तथ्य सामने आया। जिसके बाद कंटिन्यू 8-10 दिनों तक उन्होने संबंधित लोकसेवकों को फॉलोअप किया। जिसमें लोकसेवक पोर्टल से यह तथ्य भी सामने आया कि एक ही मोबाईल के मॉडल से सभी लोगों की अटेन्डेन्स लग रही है। पहले अटेन्डेन्स लगाने वाला कर्मी दो मिनिट में अपनी अटेन्डेन्स लगाकर लॉगआउट होता है। फिर अपने सभी सहकर्मियों की अटेन्डेन्स लगाता है। इस पर कार्य में कोताही, लापरवाही और चार सौ बीसी करने पर संबंधित लोकसेवकों के विरुद्ध कार्यवाही के यह निर्देश कलेक्टर ने दिये हैं।
साथ ही सभी विभागों के विभाग प्रमुखों को पोर्टल के माध्यम से उपस्थिति और टूर मॉनीटरिंग करने के लिये भी कलेक्टर ने निर्देशित किया। उन्होने स्पष्ट निर्देश देते हुये कहा कि इस माह की सैलरी बिना आहरण संवितरण अधिकारी के प्रमाण पत्र के टीओ ना निकालें। सभी डीडीओ लोकसेवक एप से संबंधित कर्मियों की उपस्थिति व टूर मॉनीटरिंग कर ली गई है, इस आशय का प्रमाण पत्र टेªजरी में बिल के साथ लगायें। इसके आधार पर ही वेतन का आहरण किया जायेगा।
आत्मा प्रोजेक्ट और माईनिंग विभाग के जिला अधिकारियों को सख्त मॉनीटरिंग के निर्देश भी कलेक्टर ने दिये। उन्होने कहा कि यदि आप लोग लोकसवेक एप और लोकसेवक पोर्टल जैसा बेहतर टूल होने के बाद भी फर्जियों को नहीं पकड़ेंगे, तो किस तरीके से आप मॉनीटरिंग कर पायेंगे। उप संचालक कृषि को आत्मा के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को और जिला खनिज अधिकारी को माईनिंग विभाग के संबंधित कर्मचारियों को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। साथ ही लोकसेवक पोर्टल से इनका पूरा रिकॉर्ड खंगालकर इनके द्वारा जितने दिनों तक फ्रॉड अटेन्डेन्स लगाई गई हो, उतने दिन अवैतनिक करने के स्पष्ट आदेश दिये। कलेक्टर ने कहा कि जो भी अधिकारी और कर्मचारी इस कोताही में संलिप्त हैं और संविदा पर हैं, उनकी संविदा रिनीवल ना की जाये, एचओडी इसका भी ध्यान रखें।
पूरे मामले के अनुसार आत्मा परियोजना और माईनिंग विभाग के कुछ लोकसेवकों द्वारा लोकसेवक एप में अटेन्डेन्स लगाने में फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। एक ही कर्मचारी अपने अन्य सहकर्मियों की अपने ही मोबाईल से अटेन्डेन्स लगा रहा था। जिसके लिये वो कभी आसमान तो कभी धरती या कभी दीवार की फोटो खींचकर अटेन्डेन्स लगाता था। जब कलेक्टर रेन्डमली रुप से अपने पोर्टल में विभिन्न विभागों की मॉनीटरिंग कर रहे थे, तब उन्हें आत्मा परियोजना और खनिज विभाग में इस तरह की अटेन्डेन्स लगाने का तथ्य सामने आया। जिसके बाद कंटिन्यू 8-10 दिनों तक उन्होने संबंधित लोकसेवकों को फॉलोअप किया। जिसमें लोकसेवक पोर्टल से यह तथ्य भी सामने आया कि एक ही मोबाईल के मॉडल से सभी लोगों की अटेन्डेन्स लग रही है। पहले अटेन्डेन्स लगाने वाला कर्मी दो मिनिट में अपनी अटेन्डेन्स लगाकर लॉगआउट होता है। फिर अपने सभी सहकर्मियों की अटेन्डेन्स लगाता है। इस पर कार्य में कोताही, लापरवाही और चार सौ बीसी करने पर संबंधित लोकसेवकों के विरुद्ध कार्यवाही के यह निर्देश कलेक्टर ने दिये हैं।
साथ ही सभी विभागों के विभाग प्रमुखों को पोर्टल के माध्यम से उपस्थिति और टूर मॉनीटरिंग करने के लिये भी कलेक्टर ने निर्देशित किया। उन्होने स्पष्ट निर्देश देते हुये कहा कि इस माह की सैलरी बिना आहरण संवितरण अधिकारी के प्रमाण पत्र के टीओ ना निकालें। सभी डीडीओ लोकसेवक एप से संबंधित कर्मियों की उपस्थिति व टूर मॉनीटरिंग कर ली गई है, इस आशय का प्रमाण पत्र टेªजरी में बिल के साथ लगायें। इसके आधार पर ही वेतन का आहरण किया जायेगा।
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