कटनी / जिले में गरिमापूर्ण रुप से संविधान दिवस का आयोजन हुआ। मुख्य कार्यक्रम कलेक्ट्रेट सभागृह में आयोजित किया गया। यहां पर अपर कलेक्टर डॉ सुनन्दा पंचभाई ने संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया। इसके पूर्व संविधान निर्मात्री सभा के अध्यक्ष, भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर के चित्रपट पर दीप प्रज्वलित कर माल्यापर्ण किया गया। इस दौरान संयुक्त कलेक्टर रानी पासी भी उपस्थित रहीं। जिले में अन्य सभी कार्यालयों और विकासखण्ड स्तर पर भी संविधान दिवस के अवसर पर आयोजन हुये।
संविधान दिवस किस लिये आज
उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान को 26 नवंबर 1949 को स्वीकार किया गया था। जिसे कि 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इसलिये शासन द्वारा जारी निर्देशों के तहत 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। उल्लेखनीय है कि भारत संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक प्रभुसत्तासम्पन्न, समाजवादी धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है।
विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान
संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भारतीय संविधान के विषय में अपनी बात रखते हुये अपर कलेक्टर श्रीमती पंचभाई ने बताया कि भारतीय संविधान को तैयार करने के लिए एक संविधान सभा का निर्माण किया गया था। इस संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन मे कुल 114 दिन बैठक की, इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की पूर्ण स्वतन्त्रता थी। वहीं भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसमें अब 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है।
इस प्रस्तावना का हुआ वाचन
संविधान दिवस के अवसर पर जिले में आयोजित कार्यक्रमों में सभी शासकीय सेवकों द्वारा संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया। सभी ने संविधान की प्रस्तावना ‘‘हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न, सामाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिये तथा समस्त नागरिकों को: सामजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिये, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिये दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर,1949 ई0 (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मसमर्पित करते हैं‘‘ का वाचन किया। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के विभाग प्रमुख एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
संविधान दिवस किस लिये आज
उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान को 26 नवंबर 1949 को स्वीकार किया गया था। जिसे कि 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इसलिये शासन द्वारा जारी निर्देशों के तहत 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। उल्लेखनीय है कि भारत संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक प्रभुसत्तासम्पन्न, समाजवादी धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है।
विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान
संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भारतीय संविधान के विषय में अपनी बात रखते हुये अपर कलेक्टर श्रीमती पंचभाई ने बताया कि भारतीय संविधान को तैयार करने के लिए एक संविधान सभा का निर्माण किया गया था। इस संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन मे कुल 114 दिन बैठक की, इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की पूर्ण स्वतन्त्रता थी। वहीं भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसमें अब 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है।
इस प्रस्तावना का हुआ वाचन
संविधान दिवस के अवसर पर जिले में आयोजित कार्यक्रमों में सभी शासकीय सेवकों द्वारा संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया। सभी ने संविधान की प्रस्तावना ‘‘हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न, सामाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिये तथा समस्त नागरिकों को: सामजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिये, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिये दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर,1949 ई0 (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मसमर्पित करते हैं‘‘ का वाचन किया। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के विभाग प्रमुख एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
Comments
Post a Comment