फरियादियों को एक क्लिक पर मिलेगी प्रकरण संबंधी संपूर्ण जानकारी
कटनी / ई-गवर्नेस, पारदर्शिता एवं सुगमता बढाने की दृष्टि से जिले में समस्त राजस्व न्यायालयों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया तीव्रता से चल रही है जिसके अंतर्गत राजस्व न्यायालयों में दर्ज किए जाने वाले प्रकरण अब ऑनलाइन ही दर्ज किए जाएगें। इस सिस्टम को रेवेन्यू कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आरसीएमएस) नाम दिया गया है।
उल्लेखनीय है, कि म.प्र. शासन द्वारा ई-गवर्नेंस के जरिए नागरिको को सुविधा, पारदर्शिता एवं सुगमता प्रदान करने के लिये इस सिस्टम को लागू किया गया है। इसके तहत फरियादी द्वारा दर्ज प्रकरण को रीडर अथवा लोकसेवा केन्द्र में सीधा ऑनलाइन सिस्टम में प्रविष्ट किया जाएगा एवं उसी आधार पर अगली सुनवाईयॉं भी की जाएगी। इस सिस्टम में फरियादी अपना प्रकरण स्वयं ऑनलाइन घर बैठे भी देख सकता है कि क्या तारीख लगी है, तारीख आगे क्यो बढी है और आदेश क्या हुआ यह भी जाना जा सकेगा।
यह सिस्टम 1 अक्टूबर से ऑनलाइन किया जाएगा एवं इससे पूर्व ई-गवर्नेंस विभाग द्वारा राजस्व न्यायालयों के अंतर्गत आने वाले ग्रामो एवं हल्को को मैप किया एवं न्यायालयों को यूजर आई.डी. प्रदान किए तत्पश्चात विभिन्न राजस्व न्यायालयों में दर्ज प्रक्रियाधीन प्रकरणों की एंट्री की गई है। जिला प्रबंधक ई-गर्वनेंस सौरभ नामदेव ने बताया कि कलेक्टर
विशेष गढ़पाले के निर्देशन में जिले की शत-प्रतिशत प्रकरणों एंट्री की जा चुकी है एवं यह सिस्टम तय समय में जिले में गो-लाइव हो जाएगा।
पोर्टल पर काम करने हेतु समस्त राजस्व न्यायालयों के पीठासीन अधिकारी, रीडर एवं ऑपरेटर का विशेष प्रशिक्षण भी ई-गवर्नेंस अंतर्गत ई-दक्ष केन्द्र में आयोजित किया जा चुका है एवं तय समय सीमा में सिस्टम को मूर्तरूप देने की पूर्ण तैयारी है।
rcms.mp.gov.in पर देख सकेगे केस
rcms.mp.gov.in इस साइट पर जाकर आवेदक जिला, जिला का कोट (तहसीलदार, एडीओ या अन्य जो भी हो) चुनेगा, आवेदक का नाम, मोबाइल नम्बर, प्रतिवादी का नाम, केस नम्बर डालने पर केस डिटेल आ जायेगी तथा शिकायते भी ऑनलाइन दर्ज की जा सकेगी।
यह कैसे होंगे अपलोड
नामांतरण, बटवारा, जमीन के मालिकाना हक संबंधी विवाद, भूमि की निलामी संबंधी, जमीन पर कब्जा और अतिक्रमण के मामले हर साइट पर अपलोड होगे।
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