भारतीय संस्कृति में गुरु
को ईश्वर से
भी ऊँचा स्थान
प्रदान किया गया
है, इसका कारण
यह है कि
गुरु ही हमे
परमात्मा तक पहुँचाते
है. कहा गया
है कि जिसको
सद्गुरु मिल गये
और जिस पर
उनकी कृपा बरस
पड़ी उसको परमात्मा
की प्राप्ति हो
जाती है. वास्तव
में जीवन में
यथार्थ ज्ञान तथा गुरु
की शिक्षा के
द्वारा ही हमे
यह पता चलता
है कि क्या
भला है और
क्या बुरा. आज
सद्गुरु बाबा ईश्वर
शाह जी ज्ञान
प्रदान कर लोगो
को सुखी कर
रहे है. इनके
नेत्रत्व में बाबा
माधव शाह बाबा
नारायण शाह दरबार
अभुत्पुर्व रुप से
जगह जगह प्रसिद्ध
हो चुकी है.
वास्तविकता तो यह
है कि यह
अलौकिक सत्ता मानव मात्र
का ज्ञान के
द्वारा कल्याण करने के
लिए अवतरित हुई
है, सच तो
यह है कि
शास्त्रों का मार्गदर्शन
भी बिना सद्गुरु
की कृपा के
अधूरा ही रहता
है.
कटनी - 9 एवं 10 अक्टूबर
को वर्सी महोत्सव सद्गुरु बाबा ईश्वरशाह जी की पावन छत्रछाया में माधव नगर स्थित हरे
माधव दरबार प्रांगण में मनाया जा रहा है. देश - विदेश की विभिन्न जगहों से चलकर भक्त
सद्गुरु बाबा ईश्वरशाह जी के पावन सानिध्य में उपस्थित हुए है. वर्सी महोत्सव का मूल
उद्देश्य यही है कि मानव जीवन में आध्यात्मिक परिवर्तन आये उसका व्यवहार, आचरण, संस्कार
और मानवीय कर्म ज्ञान के अनुरूप हो. आज हर कोई जमाने को तो बदलना चाहता है लेकिन ख़ुद
को बदलने के बारे में संत - महात्मा ही सोचते है.
वर्सी महोत्सव में
आने वाले भक्तों की संख्या में दिन - प्रतिदिन इजाफा हो रहा है, हजारों सिर सद्गुरु
बाबा ईश्वर शाह जी के चरणों में झुकते है, इस अथाह और प्रगाढ प्यार पाने के लिए भक्तगण
लालायित रहते है. सद्गुरु के कर - कमलों द्वारा रचित इस महायज्ञ में तन, मन, धन से की गई सेवा हमारे जीवन में सुख
- समृद्धि लाती है. व्यक्ति का दुःख बँट जाये तो कम हो जाता है और सुख बँट जाये तो
और बढ़ जाता है इसलिए वर्सी महोत्सव में जितने अधिक से अधिक भक्त इकट्ठे होकर सद्गुरु
को रिझाते है, उतना ही संसार में सुख- शांति, समृद्धि बढ़ती है
वर्सी महोत्सव का इंतज़ार
अनुयायी तो क्या, हरे माधव दरबार की जानकारी रखने वाला हर इंसान करता है. सभी यहां
प्यार की भाषा बोलते नजर आते है, इकट्ठे बैठकर लंगर खाते नजर आते है यहां की प्रबंध
व्यवस्था देखकर इसी नतीजे पर पहुँचते है कि यह इंतजाम इंसान की सोच व दिमाग से परे
संचालित हो रहा है. यह किसी दिव्य- शक्ति द्वारा संचालित होता प्रतीत होता है जो हर
किसी को चुंबक की तरह अपनी और खीँच रहा होता है, वर्सी महोत्सव का बाहरी आकर्षण भले
ही सजावट, भीड़, लाईट - पंडाल इत्यादि के रुप में नजर आता हो लेकिन भक्तों का आपसी
प्यार देखकर यही लगता है कि ये दिव्य गुण ही वर्सी महोत्सव का मुख्य आकर्षण है. महोत्सव
में विभिन्न सामाजिक - व्यापारिक संगठन बढ़ - चढ़कर निस्वार्थ सेवाये प्रदान करते है,
जिला प्रशासन ,पुलिस प्रशासन, नगर निगम आदि संबंधित शासकीय विभाग वर्सी महोत्सव की
व्यवस्थाओं को सुचारु बनाने का इंतजाम करते है जिससे भक्तों को किसी प्रकार का कोई
कष्ट नही हो.
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