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Showing posts from November, 2013

राष्ट्रीय मेगा लोक अदालत - अधिक से अधिक प्रकरणो के निराकरण के प्रयास किये जायें- श्री शरण जिला एवं सत्र न्यायाधीश

कटनी / आगामी 30 नवम्बर 2013 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय मेगा लोक अदालत की तैयारियों संबंधी बैठक जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राम प्रकाश शरण की अध्यक्षता एवं कलेक्टर श्री अशोक कुमार सिंह के विशिष्ट आतिथ्य में आज दोपहर 2 बजे जिला एवं सत्र न्यायालय कक्ष में संपन्न हुई ।  जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा उपस्थित सभी विभाग प्रमुखो को उक्त आयोजन में अधिकाधिक सहभागिता निवाहने हेतु निर्देशित किया । आपने सभी विभागों के  अधिकारियों से कहा कि वे विभागों के अधिक से अधिक प्रकरण पूर्ण कराकर समझौता कराकर निराकण कराये । सभी विभागों के निराकृत /समझौता होने वाले प्रकरणो की संख्या सूची कल 29 नवम्बर 2013 को दोपहर 2 बजे तक अनिवार्य रुप से इस कार्यालय में भिजवायी जाए ।  कलेक्टर श्री अशोक कुमार सिंह ने इस अवसर पर जानकारी देते हुये बताया कि जिला प्रशासन की ओर से राजस्व , सामाजिक न्याय , महिला एवं बाल विकास विभाग , शिक्षा विभाग , जिला पंचायत सहित अन्य सभी विभागों के प्रकरणो की सूची कल दोपहर तक प्रेषित की जावेगी । उक्त सभी विभागों को  राष्ट्रीय मेगा लोक अदालत में अधिकाधिक सहयोग प्रदान कर प्रकरणो का निर

इसके कारण नेहरू जी, इन्दिरा जी का पूरा प्लस साफ़ हो जाता है ..

कटनी  -   " हिंदुस्तान में प्रधानमंत्री कौन सबसे अच्छे हुए ? तो कोई नेहरू जी का नाम लेता है, कोई इन्दिरा जी, तो कोई किसी और का नाम लेता है. मै उनको कहता हूँ आप एक एक कर सभी प्रधानमंत्रीयों के कार्यकाल का विशलेषण करिये और मैंने इसका विस्तार से विचार किया है क्योंकि मैंने सभी प्रधानमंत्रीयों के शासन को देखा है, कोई ऐसा नही जिसको नही देखा. यह ठीक है कि आरंभिक वर्षो में पत्रकार के नाते देखा, आगे चलकर 1970 के बाद पार्लियामेंट में तब से लेकर एक सांसद  के रुप में देखा और सबको देखने के बाद में हमेशा कहा करता हूँ कि नेहरू जी का नाम बहुत बड़ा है, लेकिन नेहरू जी कार्यकाल में जो अच्छे काम हुए, जिनको प्लस कहा जा सकता है और जो कमियां रही, जिनको माइनस कहा जा सकता है. उसके आधार पर उनकी अगर बैलेंस शीट निकाली जाए तो उस बैलेंस शीट में जितना प्लस है वो सब एक 1962 के चीन के हमले के कारण जिसमे चीन पर ग़लत विश्वास करना, चीन के मुकाबले अपनी सेना को सतर्क तैयार न रखना और कृष्ण मेनन जैसे एक व्यक्ति को देश का रक्षा मंत्री बना देना बहुत बड़ी गलती थी और इस माइनस के सामने पूरा प्लस साफ़ हो जाता है, बैलेंस शीट

आ गई मतदाता की बारी ...

पाँच साल बाद फिर वह दिन नजदीक आ गया है जिस दिन मतदाताओं से मिलें मतो के आधार पर प्रत्याशियों को मिलीं हार जीत से  राजनैतिक दल अपनी सरकार बनायेंगे और पाँच साल तक प्रदेश की सता पर काबिज रहेंगे. हर बार की तरह इस बार भी राजनैतिक दलों ने अपनी अपनी उपलब्धि गिनाने में कोई कसर नही छोड़ी है लेकिन मतदाता किसपर अपना भरोसा जतायेंगे यह सिर्फ़ वही जानता है. प्रदेश में पिछले 10 वर्षों से भाजपा की सरकार काबिज है और यह सता उसे अपनी योग्यताओ के बदले नहीं बल्कि काँग्रेस शासन काल में जन्मी अव्यवस्थाओ के चलते मिली है. वर्ष 2008 में हुए चुनावों में प्रदेश की जनता ने पुनः शिवराज सिंह चौहान पर ही भरोसा कर उसे सत्ता तक पहुँचाया है, इससे पहले 2003 में उमा भारती के नेतृत्व में सरकार बनी थी लेकिन बाद में उमा भारती को हाशिये पर डाल दिया गया और उनकी स्थिति आज भी वैसे ही है. भाजपा में आज शिवराज सिंह चौहान के अलावा कोई दूसरा चेहरा ही नही है हालाँकि इस बार शिवराज सिंह चौहान के लिए भी 2008 जैसी स्थिति नही है. बीते कार्यकाल में कई बातें ऐसी सामने आई जिसके चलते अब स्वर्णिम मध्यप्रदेश का नारा उतनी मज़बूती से नही कहा ज

मुडवारा सीट पर कांग्रेसी काँग्रेस के खिलाफ, भाजपाई भाजपा के खिलाफ

कटनी  - मुडवारा विधानसभा सीट जीतने के लिए काँग्रेस को अभी और लंबा इंतज़ार करना पड़ सकता है और इस इंतज़ार के लिए काँग्रेस ख़ुद जिम्मेदार जान पढ़ती है, मुडवारा सीट के लिए काँग्रेस ने फिरोज अहमद को मैदान में उतारा है जबकि जानकार गंगाराम कटारिया, विजेन्द्र मिश्र या सुनील मिश्रा में से किसी को प्रत्याशी बनाये जाने की बात मान चल रहे थे, लेकिन काँग्रेस ने अल्पसंख्यक  कोटे के चलते फिरोज अहमद को टिकट दिया जिसका विरोध ख़ुद काँग्रेस के लोगो में रहा है यहां तक कि अल्पसंख्यक वर्ग के किसी दूसरे व्यक्ति को टिकट देने की बात भी सामने आई थी लेकिन काँग्रेस ने सभी संभावनाओं को दरकिनार कर फिरोज अहमद को ही टिकट देने का मन बना लिया था, हो सकता है काँग्रेस इस सीट से अल्पसंख्यक वर्ग को टिकट देकर आस पास की विधानसभा सीटों पर इस वर्ग से बढ़त बनाना चाहती हो, पिछली दो बार से भाजपा मुडवारा सीट जीतती आ रही है इसके बावजूद किसी सक्रिय चेहरे को सामने न करना और सिर्फ़ अल्पसंख्यक कोटे का दाँव चलना यही कह रहा है कि काँग्रेस का निशाना यह सीट पाना नही बल्कि अन्य सीटों पर अल्पसंख्यक वर्ग से वोटो की बढ़त बनाना है   संजय पाठ