कटनी। पुलिस ने फिरौती न मिलने की वजह से हुई हत्या के एक मामले से परदा उठाया है, मंगलवार को पुलिस कंट्रोल में आयोजित पत्रकार वार्ता में पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर ने बताया कि 27 अप्रैल को बरही थाना अंतर्गत बगैहा निवासी सुरेश प्रसाद पांडेय की पत्नी गीता बाई ने पुलिस से की शिकायत में बताया था उनके पति सरेश कुमार पांडेय लापता हो गए हैं। उसने यह भी बताया कि उन्हें एक उत्तरप्रदेश निवासी व्यक्ति ने बुलाया था। शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले में अपहरण का प्रकरण दर्ज किया था। इसी बीच 6 मई को सूचना मिली की चित्रकूट जिले के करौंदी गांव के एक कुएं में एक वृद्घ की लाश मिली है। इस पर बरही टीआई एसपी सिंह बघेल अपनी टीम व लापता वृद्घ के लड़के को लेकर वहां पहुंचे। वृद्घ की शिनाख्त ल़ड़के ने अपने पिता सुरेश प्रसाद पांडेय के रूप में की। शिनाख्त होने के बाद पुलिस ने इस मामले में हत्या का मामला दर्ज किया। वृद्घ को मानिकपुर बुलाया गया था। उसे छोड़ने के बदले में परिजनों से दस लाख ヒपए की फिरौती मांगी जा रही थी। फिरौती न देने के कारण उसकी हत्या कर दी गई।
जाँच से पता चला
इस मामले के विवेचना के दौरान जानकारी मिली कि चित्रकूट जिले के करौंदी गांव निवासी दुर्ग विजय उर्फ बहिरा उर्फ टेहकू पिता शिवप्रताप सिंह पटेल बगैहा गांव आया था। उसने गांव में ही रहने वाले प्रभूदयाल यादव को बीड़ी पत्ता तोड़ने का लालच देकर २६ अप्रैल को अपने साथ ट्रेन से मानिकपुर ले गया। जहां उसने धतूरा खिलाकर उसे बेहोश कर दिया था। बेहोश की हालत में मिलने पर उसे वहां की पुलिस द्वारा करीब के किसी अस्पताल में भर्ती कराया था होश में आने के बाद प्रभूदयाल पटेल ३० अप्रैल को वहां से वापस बगैहा आ गया। पुलिस ने इस बीच प्रभूदयाल पटेल से पूछताछ की तो पता चला कि २७ अप्रैल दुर्ग विजय सिंह ने बेटे की शादी कराने का लालच देकर सुरेश प्रसाद पांडेय को मानिकपुर बुलाया था। इसके बाद उसे जानकारी नहीं है कि उसके साथ क्या हुआ।
10 लाख की फिरौती मांग रहा था
पुलिस अधीक्षक हिंगणकर ने बताया कि सुरेश प्रसाद पांडेय को मानिकपुर बुलाने के बाद वह उसे आरोपी ने अपने कब्जे में ले लिया था और उसे छोड़ने के लिए परिजन ने दस लाख ヒपए की फिरौती मांग रहा था। ヒपए न मिलने पर आरोपी दुर्ग विजय सिंह ने उसके करीब चार हजार ヒपए लूट लिए और उसकी हत्या कर लाश करौंदी गांव के एक कुएं में फैंक दी।
पुलिस ने बताया कि विवेचना के दौरान पता चला कि २१ मई को आरोपी दुर्ग विजय सिंह बिलासपुर रीवा पैसेंजर ट्रेन से आ रहा है। इस मामले में पुलिस आरोपी की पहचानती नहीं थी। इसके कारण पुलिस ने बगैहा गांव निवासी प्रभूदयाल यादव, व आरोपी को पहले से पहचानने वाले गांव के ही प्रदीप पांडेय व विजय पांडेय को अपने साथ लेकर पुलिस टीम रेलवे स्टेशन कटनी पहुंची और जैसे ही ट्रेन आई। उसे गांव के लोगों के तीनों लोगों की मदद से आरोपी दुर्गविजय सिंह को धरदबोचा गया। आरोपी को पकड़ने में टीआई एसपी सिंह बघेल, जबलपुर जिले के आरक्षक शाजी मथाई, आरक्षक विभांशू कोरी, आरक्षक रघुवीर सिंह, जयराम साकेत सुनील वर्मा, राजकुमार व अनिल ठाकुर की भूमिका रही। पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर ने पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
फिरौती नहीं दी तो कर दी हत्या
पुलिस अधीक्षक हिंगणकर ने बताया कि आरोपी लोगों को जमीन में सोना गड़ा होने व लड़के की शादी कराने सहित अन्य तरह की लालच देकर उन्हें अपने साथ ले जाता है फिर उनके खाने में धतूरा के बीज मिलाकर उन्हें बेहोश कर उनके साथ लूटपाट करता है। गौरतलब है कि आरोपी के खिलाफ एक अन्य थाने में भी अपराध करने का मामला दर्ज है
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