जिस दिन से पुलिस ने खनिज व्यापारी शंकरलाल विश्वकर्मा द्वारा किये गये 250 करोड़ रुपये मूल्य के बाक्साईट अवैध उत्खनन का मामला उजागर किया है उस दिन से खनिज विभाग ने जैसे इस मामले पर चुप्पी सी साध ली है बीएसएनएल टेलीफोन एक्सचेंज के पास तथा माधव नगर थाने के ठीक पीछे राधादेवी शर्मा नामक महिला की बाक्साईट खदान का वर्ष 1992 से नवीनीकरण ही नहीं हुआ था और न ही इस खदान को कोई एनओसी प्राप्त थी लेकिन मजे की बात देखिये खदान में उत्खनन लगातार जारी था और बाकायदा खनिज विभाग इसका पिट पास जारी करता रहा था , इससे जहाँ शासन को करोड़ो का नुक्सान हुआ है वही इसका सीधा फायदा किसने किसने उठाया होगा इसे एक गाँव में रहने वाला ग्रामीण भी अच्छी तरह से समझ सकता है . राधा देवी शर्मा को इस खदान का आवंटन 1972 से लेकर 1992 तक ही हुआ था जबकि उत्खनन का काम विश्वकर्मा बंधू ही करते आयें है . इसकी पुख्ता जानकारी पुलिस अधीक्षक राजेश हिन्गंकर को जब मिली तो उन्होंने माधव नगर थाने के टी आई अखिल वर्मा को निर्देश देकर खनिज उत्खनन में लिप्त तीन हिइवा डम्फर और चार आदमियों को अवैध बाक्साईट सहित पकड़ा इसके साथ ही जिले भर में खनिज चोरों की वाहनों सहित धरपकड़ शुरू हो गयी थी
कटनी - शंकरलाल विश्वकर्मा की गिरफ़्तारी के बाद से खनिज विभाग सारी जवाबदारी पुलिस पर सौप कर अपने आप को अन्जान बता रहा है अगर अवैध उत्खनन की बात गलत है तो विभाग क्यों नहीं इस सम्बन्ध में अपना पक्ष आम जनता के सामने रखता है ? क्यों वह 250 करोड़ के इस घोटाले पर चुप्पी साधे हुए है ? विभाग की चुप्पी से अपने आप ही 250 करोड़ के अवैध उत्खनन की बात की पुष्टि एक प्रकार से हो जाती है . पुलिस ने भी शुरूआती सक्रियता दिखाने के बाद तथा खनिज विभाग से मिल रहे असहयोग की वजह से अपने हाथ भी बांध रखे है , दोनों विभागों की इस खींचतान से अवैध उत्खनन कर्ताओं की फिर से मौज हो उठी है , माधव नगर क्षेत्र से गुजरने वाले डम्फर वैध खनिज लेकर जा रहे है या अवैध यह आम नागरिको की समझ से परे है . शासन के नियमानुसार खनिजो का परिवहन करने वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन नंबर तथा उससे सम्बंधित खनिज खदान की जानकारी खनिज विभाग को उपलब्ध करानी रहती है जिससे यह पता चल सके कि निर्धारित खदान से खनिज सिर्फ निर्धारित किये गए वाहन ही लेकर जायेंगे .इस मामले में भी विभाग विशेष रूचि नहीं ले रहा जिससे यह पता नहीं चलता कि परिवहन किया जा रहा खनिज वैध है या अवैध . शंकरलाल विश्वकर्मा वाला मामला बेहद संगीन मामला है इसने खनिज विभाग की भूमिका पर कई सवाल खड़े कर दिए है
सूत्रों के अनुसार पहले गिरफ़्तारी तथा बाद में जमानत मिल जाने के बाद शंकरलाल विश्वकर्मा अब यह चाहते है कि राधादेवी शर्मा का एक रिश्तेदार अवैध उत्खनन का मामला अपने ऊपर ले जिससे वह खुद को इस मामले से बरी करवा ले , इसके बदले सारा खर्च और ऊपर से एक बड़ी रकम दिए जाने की बात भी आम चर्चा भी गरम हो उठी है इस सम्बन्ध में शंकरलाल विश्वकर्मा से उनका पक्ष जानने जब फ़ोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने मीटिंग में व्यस्त होने की बात कही और कोई जवाब नहीं दिया
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