कटनी - बच्चो को अच्छी शिक्षा मिलने के रास्ते में टांग अड़ा कर अपना व्यावसायिक हित साधने वालो पर देश द्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए ,,सेंट्रल स्कूल के सिविल कोटा वाले स्कूल को अपने प्रभाव से खुलने से पहले ही बंद करवा दिया जाता है ,,वो इसलिए कि बच्चे पूंजीपतियों द्वारा चलाये जाने वाले स्कूल में ही पढने आये ,,पूंजीपतियों द्वारा चलाये जाने वाले स्कूलों में मासूम बच्चो के साथ अमानवीय हरकते की जा रही है और सांसद कलेक्टर तक की बोलती बंद है ,, मध्य प्रदेश के कटनी जिले में सेंट्रल स्कूल के सिविल कोटा वाला स्कूल साजिश के तहत खुलने ही नहीं दिया जाता ,,ताकि कोयले के व्यापारी -खदान माफिया -विधायक सभी स्कूल का यहाँ आराम से धंधा कर सके ,,यहाँ दिल्ली पब्लिक स्कूल के नाम से एक स्कूल कोयला व्यापारी चला रहे है और मासूम बच्चो को प्रताड़ित भी कर रहे है ,, 6 वर्ष के अमन लालवानी को दिल्ली पब्लिक स्कूल में इतना टॉर्चर किया गया है कि यह मासूम बच्चा खाना पीना और खेलना कूदना तक भूल गया है,, माता पिता ने स्कूल प्रबंधन को इसकी शिकायत की फिर भी उसके साथ वही बर्ताव किया गया ,,माता पिता बच्चे को अब स्कूल से निकालना चाहते है ,,लेकिन स्कूल उनके हजारो रुपये अब वापस नहीं करना चाहता ,, इसकी शिकायत सांसद और कलेक्टर तक से कि गयी है लेकिन पूंजीपति कोयला व्यापारी के आगे सब बौने हो चुके है ,,बच्चे के पिता ने अब इसकी शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली को कर दी है ,,,मुख्य सवाल अब यह खड़ा होता है की क्या पूंजीपति इतने प्रभावशाली हो गए है की सेंट्रल स्कूल को अपने निजी फायदे के लिए खुलने से पहले ही बंद तक करवा सकते है और मासूम बच्चो के साथ अमानवीय व्यव्हार तक करने की इन्हें छूट किसने दी है ,,, क्या ऐसे लोगो पर देश द्रोह का मामला दर्ज नहीं किया जाना चाहिए जो मासूम बच्चो की शिक्षा के रास्ते में अपना दखल देकर अपना हित साधने में लगे है ,,,क्या मध्य प्रदेश के सांसद कलेक्टर तक इनके आगे कुछ नहीं लगते ? क्या शिक्षा जैसा अति महत्वपूर्ण विषय किसी माफिया की मर्जी के हिसाब से तय होगा ? क्या इनके हाथो में बच्चो का भविष्य सुरक्षित रह पायेगा ?
कटनी जिले के कोयला व्यापारी उत्तम चंद जैन दिल्ली पब्लिक स्कूल का संचालन कर रहे है यह अलग बात है कि शिक्षा क्षेत्र में यह उनकी घुसपैठ मानी जा रही है, इस स्कूल के निर्माण में उनके रिश्तेदार प्रमोद जैन का करोडो रुपया लगा हुआ है प्रमोद जैन बिलासपुर में कोयले का व्यापार कर रहे है ,,इस स्कूल की स्थापना के बाद से ही प्रबंधन ने राजनैतिक पहुच दर्शाने वाले विज्ञापन अखबारों में जारी किये थे जिसके बाद से ही पूरे कटनी नगर में चर्चाये थी की कोयले की कमाई का पैसा स्कूल में लगाया गया है और अपने काले पैसे को सफ़ेद करने के लिए स्कूल का सहारा लिया गया है ,, आज इस स्कूल में चालीस से पचास हजार रुपये खर्च करके ही बच्चो को दाखिला मिल पता है ऊपर से स्कूल में बच्चे से किया गया अमानवीय साबित कर रहा है कि शिक्षा की ऊँची ऊँची बात करने वाले इस स्कूल की असल सच्चाई कुछ और ही है ,,स्थानीय स्कूल प्रबंधन ने दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्रतिष्ठा की भी परवाह नहीं की है ,जाहिर है सिर्फ पैसा कमाना ही इनका मूल उद्देश्य लग रहा है ,,उत्तम चंद जैन और उनके मातहतो को स्कूल में बच्चो को अच्छा माहौल देना चाहिए ना कि अमानवीय व्यव्हार करना चाहिए जिससे बच्चो का भविष्य बर्बाद तक हो सकता है .
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