कटनी - पुनर्वास भूमि पर अवैध रूप से बसाई गई दाल व
राईस मिलो के कब्जे में ही ज्यादातर वह पुनर्वास भूमि है जो सिर्फ
रहवास के लिए आरक्षित थी , माधव नगर के गैर जिम्मेदार कतिपय मिल वालो ने
सिर्फ अपने निजी फायदे को ध्यान में रखकर अवैध रूप से मिलो का निर्माण
किया है जिसके चलते ही आज माधव नगर के निवासी नारकीय जीवन भुगत रहे है .
भारी ट्रको की चौबीसों घंटे आवाजाही हो या मिलो से होने वाला प्रदुषण हो
,इन सबका असर पुरे क्षेत्र के निवासियों के अलावा उन तमाम स्कूली बच्चो
पर भी पढ़ रहा है जो यहाँ के किसी न किसी स्कूल में पढ़ते है . मिल वालो
की पिलाई गयी घुटी की वजह से ही हर कानून यहाँ आकर निष्क्रिय कर दिया जाता
है जिसका खामियाजा निर्दोष नागरिको , बच्चो को उठाना पढ़ रहा है मास्टर
प्लान के अनुसार इन मिलो को यहाँ से हटाया जाना है इससे खाली होने वाली
भूमि कई सार्वजनिक प्रयोजनों के काम आ सकती है पुनर्वास विभाग को इसकी रूप
रेखा भी बनानी चाहिए सूत्रों के अनुसार पुनर्वास कब्ज़ा पंजी में अपना
नाम पुराने वर्षो में दर्ज करवाने पुनर्वास विभाग पर दबाव बनाया जा सकता
है
निजी भूमि है मिल वालो के पास फिर भी है पुनर्वास भूमि पर अवैध कब्ज़ा
मास्टर प्लान के हिसाब से यहाँ बसी मिलो को लमतरा तथा अमकुही में बसाया जाना निश्चित हुआ है लेकिन कोई भी मुफ्त में अवैध रूप से हथियाई गयी पुनर्वास भूमि को छोड़ कर जाना ही नहीं चाहता , कइयो ने पास के गाँव इमलिया , तखला आदि कई गाँव की कृषि भूमि किसानो से औने पौने दामो में खरीदी है ,पुनर्वास भूमि का बेडागर्क करने के बाद अब कृषि भूमि को बेडागर्क करने की सुनियोजित साजिश रची जा रही है लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी ही जिले से कृषि व्यवसाय को समाप्त करने पर ही तुले दिखाई दे रहे है .तमाम मिल वालो के पास अपनी कई एकड़ो निजी भूमि भी है लेकिन यहाँ पुनर्वास की मुफ्त में एकड़ो हथियाई गयी भूमि पर अवैध कब्ज़ा है
पुनर्वास विभाग की कार्यवाही कुछ दिन तक टली
करीब सौ एकड़ पुनर्वास भूमि पर अवैध मिलो के निर्माण के चलते ही पुनर्वास विभाग सख्त रुख अपनाता है जिसका खामियाजा वर्षो से यहाँ निवास करने वालो को ही उठाना पढ़ रहा है . हाल ही पुनर्वास विभाग द्वारा ऐसे ही अवैध कब्जो को चिन्हित कर लाल निशान लगाये गए थे जिन पर कार्यवाही होनी है दिनांक 5 व 6 मई को प्रदेश के गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता के कटनी आगमन के चलते शासकीय अमला इसमें व्यस्त था जिसके चलते ही कार्यवाही कुछ दिनों के लिए टाल दी गयी है सूत्रों के अनुसार पुनर्वास विभाग पर कार्यवाही टालने अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है
कटनी - माधव नगर में यातायात , प्रदुषण समस्या उच्च स्तर पर पहुच गयी है . लोग स्वास सम्बन्धी बीमारियों से ग्रसित हो रहे है .करीब पांच हजार स्कूली बच्चो को माधव नगर के अराजक यातायात और प्रदुषण ने इस कदर परेशान कर रखा है कि स्कूल खुलने के समय हो सकता है , हजारो बच्चे मिल वालो कि वजह से उत्पन समस्या के खिलाफ सडको पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे , माधव नगर में आज तक ऐसा कोई प्रदर्शन नहीं हुआ है लेकिन अवैध रूप से बसी मिलो कि वजह से उत्पन्न गंभीर समस्याओ कि वजह से ही ऐसा अब जरुर हो सकता है . इस पूरे क्षेत्र में प्रदुषण का स्तर मिलो कि वजह से खतरनाक स्तर पर पहुच गया है और चौबीसों घंटे भारी ट्रको कि आवाजाही ने नागरिको का सडको पर पैदल चलना तक दूभर कर दिया है सो अलग .करीब आधा दर्जन स्कूलों के छात्र छात्राए आने जाने के दौरान खतरों से जूझते है . प्रशासन ने भी हद दर्जे तक जैसे इन मिल वालो को नागरिको बच्चो की जान सांसत में डालने की छूट सी दे रखी है . हर कानून यहाँ आते आते निष्क्रिय कर दिया जाता है
डायमंड और उत्कृष्ठ विद्यालय से पहुच चुकी है शिकायते
माधव नगर के डायमंड स्कूल में ही करीब बाईस सौ बच्चे पढ़ते . इस स्कूल के आस पास ही दर्जनों मिले अवैध रूप से बसी हुई है . अपने निजी फायदे कि परवाह करने वाले इन मिल मालिको को इसकी कोई परवाह ही नहीं कि स्कूल लगने तथा छुट्टी के समय किस कदर खतरनाक स्थिति का सामना बच्चो को करना पढता है .यह समस्या कई वर्षो पुरानी है पर आज की परिस्थितियों में यह असहनीय हो चली है , कई अभिभावकों की झडपे ट्रक निकलने के दौरान चालको से होती रहती है .डायमंड स्कूल के प्राचार्य इस संबध में एक शिकायत भी लिखित में नगर निगम आयुक्त को कर चुके है ऐसी ही एक शिकायत उत्कृष्ठ विद्यालय की प्राचार्य ने भी की है . अगर समय रहते जवाबदार विभागों ने इस और कार्यवाही नहीं की तो यह निश्चित है कि इनके सब्र का बांध फूट पड़ेगा .
निजी भूमि है मिल वालो के पास फिर भी है पुनर्वास भूमि पर अवैध कब्ज़ा
मास्टर प्लान के हिसाब से यहाँ बसी मिलो को लमतरा तथा अमकुही में बसाया जाना निश्चित हुआ है लेकिन कोई भी मुफ्त में अवैध रूप से हथियाई गयी पुनर्वास भूमि को छोड़ कर जाना ही नहीं चाहता , कइयो ने पास के गाँव इमलिया , तखला आदि कई गाँव की कृषि भूमि किसानो से औने पौने दामो में खरीदी है ,पुनर्वास भूमि का बेडागर्क करने के बाद अब कृषि भूमि को बेडागर्क करने की सुनियोजित साजिश रची जा रही है लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी ही जिले से कृषि व्यवसाय को समाप्त करने पर ही तुले दिखाई दे रहे है .तमाम मिल वालो के पास अपनी कई एकड़ो निजी भूमि भी है लेकिन यहाँ पुनर्वास की मुफ्त में एकड़ो हथियाई गयी भूमि पर अवैध कब्ज़ा है
पुनर्वास विभाग की कार्यवाही कुछ दिन तक टली
करीब सौ एकड़ पुनर्वास भूमि पर अवैध मिलो के निर्माण के चलते ही पुनर्वास विभाग सख्त रुख अपनाता है जिसका खामियाजा वर्षो से यहाँ निवास करने वालो को ही उठाना पढ़ रहा है . हाल ही पुनर्वास विभाग द्वारा ऐसे ही अवैध कब्जो को चिन्हित कर लाल निशान लगाये गए थे जिन पर कार्यवाही होनी है दिनांक 5 व 6 मई को प्रदेश के गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता के कटनी आगमन के चलते शासकीय अमला इसमें व्यस्त था जिसके चलते ही कार्यवाही कुछ दिनों के लिए टाल दी गयी है सूत्रों के अनुसार पुनर्वास विभाग पर कार्यवाही टालने अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है
कटनी - माधव नगर में यातायात , प्रदुषण समस्या उच्च स्तर पर पहुच गयी है . लोग स्वास सम्बन्धी बीमारियों से ग्रसित हो रहे है .करीब पांच हजार स्कूली बच्चो को माधव नगर के अराजक यातायात और प्रदुषण ने इस कदर परेशान कर रखा है कि स्कूल खुलने के समय हो सकता है , हजारो बच्चे मिल वालो कि वजह से उत्पन समस्या के खिलाफ सडको पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे , माधव नगर में आज तक ऐसा कोई प्रदर्शन नहीं हुआ है लेकिन अवैध रूप से बसी मिलो कि वजह से उत्पन्न गंभीर समस्याओ कि वजह से ही ऐसा अब जरुर हो सकता है . इस पूरे क्षेत्र में प्रदुषण का स्तर मिलो कि वजह से खतरनाक स्तर पर पहुच गया है और चौबीसों घंटे भारी ट्रको कि आवाजाही ने नागरिको का सडको पर पैदल चलना तक दूभर कर दिया है सो अलग .करीब आधा दर्जन स्कूलों के छात्र छात्राए आने जाने के दौरान खतरों से जूझते है . प्रशासन ने भी हद दर्जे तक जैसे इन मिल वालो को नागरिको बच्चो की जान सांसत में डालने की छूट सी दे रखी है . हर कानून यहाँ आते आते निष्क्रिय कर दिया जाता है
डायमंड और उत्कृष्ठ विद्यालय से पहुच चुकी है शिकायते
माधव नगर के डायमंड स्कूल में ही करीब बाईस सौ बच्चे पढ़ते . इस स्कूल के आस पास ही दर्जनों मिले अवैध रूप से बसी हुई है . अपने निजी फायदे कि परवाह करने वाले इन मिल मालिको को इसकी कोई परवाह ही नहीं कि स्कूल लगने तथा छुट्टी के समय किस कदर खतरनाक स्थिति का सामना बच्चो को करना पढता है .यह समस्या कई वर्षो पुरानी है पर आज की परिस्थितियों में यह असहनीय हो चली है , कई अभिभावकों की झडपे ट्रक निकलने के दौरान चालको से होती रहती है .डायमंड स्कूल के प्राचार्य इस संबध में एक शिकायत भी लिखित में नगर निगम आयुक्त को कर चुके है ऐसी ही एक शिकायत उत्कृष्ठ विद्यालय की प्राचार्य ने भी की है . अगर समय रहते जवाबदार विभागों ने इस और कार्यवाही नहीं की तो यह निश्चित है कि इनके सब्र का बांध फूट पड़ेगा .
keya bat he aapki news change nahi hoti he sab purani he
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