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Showing posts from November, 2011

कचहरी परिसर में हुई हत्या दहशत कायम करने के लिए

मुझे इस बात का पक्का यकीन है कि अपराधी प्रवर्ती के इटन ने मन्नू भारती कि हत्या करने के लिए कटनी कचहरी परिसर जैसा स्थान जानबूझकर चुना ताकि उसकी दहशत शहर में कायम हो जाये । दिनदहाड़े कचहरी परिसर के बाहर कनपटी पर गोली मरने का उद्देश्य मृतक मन्नू और इटन के बीच आपसी वर्चस्व की लड़ाई ही थी। फ़िलहाल जेल में बंद इटन अवैध उत्खनन , शराब माफिया आदि दो नम्बर के कारोबार करने वालो का सहयोगी रहा है । यही लोग इटन जैसे अपराधियो को पालते पोसते है और अपना काम निकलवाते है । जिला प्रशासन पिछले कई दिनों से अवैध उत्खनन करने वालो के खिलाफ कार्यवाही भी कर रहा था जिसके चलते इसमें संलग्न तत्वों पर अंकुश लग गया था । हत्या जैसा अपराध करने वालो से आम शरीफ आदमी वैसे ही घबराता है । कटनी जिले में किस्सू तिवारी का नाम लगभग हर आदमी जानता है । आधा दर्जन से ज्यादा हत्या व हाथ काटने वाला यह खूंखार सालो से फरार घोषित है । पुलिस के बड़े अफसर भी किस्सू तिवारी के नाम से कापते है , शहर के लोग भी दबी जुबान से ही इसका लेते है । सालो से शांत पड़ी कटनी अब पुनः जघन्य अपराधो की वजह से चर्चा में आ गयी है ।

सूफी परम्पराओं और साहित्य ने भारत के लोक जीवन को गहरे तक प्रभावित किया है

मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नरेश यादव ने १८ नवम्बर को भोपाल के भारत भवन में सूफीवाद पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा कि ईश्वर को प्रेम का रूप मानकर सम्पूर्ण सृष्टि से प्यार करना ही सूफीवाद की मूल भावना है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक धर्म का यही तो सार है। श्री यादव ने कहा कि सूफीवाद की विचारधारा जब तक पूरी दुनिया में कायम है, तब तक इंसानियत बनी रहेगी। राज्यपाल ने कहा सूफीवाद आध्यात्मिक स्तर पर मानव के अंतर मन की एक अवधारणा है। आत्मा की परमात्मा तक पहुंचने की लालसा और उसके लिए किये जाने वाले प्रयत्न सूफीवाद का आधार हैं। उन्होंने कहा आध्यात्मिक ऊंचाईयां, मन की शांति, धर्म निरपेक्षता, इंसानों की समानता सूफीवाद के प्रमुख सिद्धांत हैं। धार्मिक आडम्बरों, नियमों, जाति भेद, रंगभेद और सीमाओं को सूफीवाद कभी बढ़ावा नहीं देता है। श्री यादव ने कहा कि सूफीवादी दर्शन से इंसानी अस्तित्व की सार्वभौमिकता का प्रभाव काफी विस्तृत और सकारात्मक हो जाता है। पूर्व में राज्यपाल ने सूफीवाद की परम्परा के अनुसार जल में गुलाब की पंखुरियां अर्पित कर संगोष्ठी का शुभारम्भ किया।

निजी-सार्वजनिक भागीदारी से होगा मध्य प्रदेश में रेल्वे ओवर ब्रिज निर्माण

प्रदेश में रेल्वे ओवर ब्रिज का निर्माण में निजी-सार्वजनिक क्षेत्र की परस्पर भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। इसके लिये मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा प्रदेश में 46 रेल्वे ओवर ब्रिज के निर्माण के लिये एक हजार करोड़ रूपये के प्रस्ताव तैयार किये गये हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में रेल्वे ओवर ब्रिज निर्माण में पहली बार यह पहल हो रही है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने १७ नवम्बर को राज्य मंत्रालय में केन्द्रीय रेल मंत्री श्री दिनेश त्रिवेदी के साथ प्रदेश के सांसदों की बैठक में इस आशय की जानकारी दी और केन्द्रीय रेल मंत्रालय से इस पहल में सहयोग करने का आग्रह किया। बैठक में सांसदों ने रेल्वे ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज के निर्माण में प्रक्रियागत विसंगतियों और अनावश्यक विलम्ब की स्थिति की ओर केन्द्रीय रेल मंत्री का ध्यान आकर्षित किया। राज्य शासन की इस पहल से रेल्वे ओवर ब्रिज के निर्माण में तेजी आयेगी और शहरी यातायात व्यवस्था में सुधार होगा। सांसद सुश्री अनसुइया उईके ने छिन्दवाड़ा में रेल्वे ओवर ब्रिज निर्माण में विलम्ब की ओर रेल मंत्री का ध्यान आकृष्ट करते हुये समय-सीमा में पूरा करने का आग्रह कि

में तो फिर चला धरती पर बसे स्वर्ग में , ६४ वाँ निरंकारी संत समागम १२,१३ १४ नवम्बर को दिल्ली मे

जब शरीर में बसी इस आत्मा को अपने परमात्मा के तत्त्व की पहचान हो जाती है तो जीवन सुख और विकास के पथ पर अग्रसर हो जाता है । मेरे जीवन की आम शुरुआत इस धरती पर जन्म लेने से होती है लेकिन जीवन में परमआनंद और विकास निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महारज के उस ज्ञान से प्राप्त हुआ है , जिस ज्ञान को सदगुरु की कृपा से प्राप्त करने के बाद दुनिया के तमाम दुनियावी ज्ञान अपने आप ही समझ में चले आते है । यह ज्ञान कोई शब्द या उच्चारण भर नहीं है यह ज्ञान तो पूर्ण जानकारी है कण - कण में समाये ईश्वर , भगवान , अल्लाह , वाहेगुरु , गाड तथा अनेको अनेक नामो का जिनका नाम दुनिया वाले ले तो रहे होते है लेकिन वस्तु का पता नहीं होता । परमात्मा नाम की वस्तु समय के सदगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महारज जी की कृपा से ही प्राप्त होती है । यही ज्ञान भगवान कृष्ण ने अर्जुन को दिया था । सदगुरु बाबा जी की कृपा से ब्रह्मलीन ब्रह्मऋषि रूपलाल जी (कोटा वाले ) ने मुझे करीब १७ वर्ष पहले इस हर जगह मौजूद परमात्मा की जानकारी करा दी । इसके बाद के जीवन को में शब्दों में तो कह ही नहीं सकता , बस इतना कह सकता हू कि अब में कुछ नहीं करता बस यही कर्त